अब देशभर के लोगों को उनकी पसंदीदा भुजिया और नमकीन कम दामों में मिल सकती है. सरकार ने भुजिया, मिक्सचर और अन्य प्री-पैकेज्ड नमकीन उत्पादों पर लगने वाले वस्तु एवं सेवा कर (GST) को 12% से घटाकर 5% कर दिया है. यह फैसला हाल ही में हुई 56वीं जीएसटी परिषद की बैठक में लिया गया और यह बदलाव 22 सितंबर से लागू हो जाएगा. इस फैसले से आम जनता को राहत तो मिलेगी ही, साथ ही हल्दीराम, बिकानो जैसे बड़े ब्रांड्स को भी फायदा होगा. लागत घटने से इन कंपनियों की बिक्री में इज़ाफा हो सकता है.
हल्दीराम और बिकानो के लिए खुशखबरी
भारत में नमकीन उद्योग में हल्दीराम सबसे बड़ा नाम है. कंपनी का वित्तीय वर्ष 2024-25 में कारोबार करीब 14,500 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है और मुनाफा लगभग 2,500 करोड़ रुपये का है. पिछले पांच सालों में कंपनी ने 18% की औसत सालाना वृद्धि दर्ज की है. वहीं, बिकानो ब्रांड के मालिक बीकाजी फूड्स भी इस बाजार में मजबूत खिलाड़ी हैं. बिकानो हर साल करीब 9,000 टन नमकीन का उत्पादन करता है, जिसमें सबसे ज्यादा मांग बीकानेरी भुजिया की रहती है. इन दोनों ब्रांड्स के अलावा बालाजी वेफर्स, आईटीसी, और अन्य कंपनियां भी नमकीन बाजार में बड़ी भूमिका निभा रही हैं.
2 लाख करोड़ का होगा भारत का भुजिया बाजार
एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का नमकीन और स्नैक्स बाजार 2025 के अंत तक 2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. इस सेक्टर में हर साल औसतन 13% की वृद्धि होने की संभावना है. इस बाजार में अकेले हल्दीराम की हिस्सेदारी करीब 37% है. इसके बाद बीकाजी, बालाजी और आईटीसी जैसे ब्रांड्स आते हैं. हालांकि, अभी भी करीब 32% बाजार अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर यानी लोकल और बिना ब्रांड वाले उत्पादों के पास है.
GST घटने से क्या बदलेगा?
GST दर में कटौती का सीधा फायदा उपभोक्ताओं को मिलेगा. अब प्री-पैकेज्ड और लेबल लगे नमकीन उत्पाद सस्ते हो सकते हैं. इससे एक ओर जहां ग्राहकों की जेब पर बोझ कम होगा, वहीं ब्रांडेड कंपनियों की बिक्री में बढ़ोतरी की संभावना है. कम टैक्स का मतलब है कि कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स को सस्ती कीमतों पर बेच सकेंगी, जिससे ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी और कंपनियों को बड़ी मात्रा में बिक्री कर लाभ होगा.
निवेशकों की नजर भारतीय नमकीन ब्रांड्स पर
अब भारत के नमकीन ब्रांड्स सिर्फ घरेलू ही नहीं, बल्कि वैश्विक निवेशकों की भी नजर में आ चुके हैं. हल्दीराम की मौजूदा वैल्यूएशन 8,5000 करोड़ रुपये से ज्यादा आंकी जा रही है. कई विदेशी कंपनियां इसमें हिस्सेदारी खरीदने में रुचि दिखती रही हैं. हल्दीराम के बाद बिकानो भी इस इंडस्ट्री का एक बड़ा नाम बन चुका है और इसका फोकस बीकानेरी भुजिया जैसे पारंपरिक उत्पादों पर है. इसके अलावा देश में FMCG सेक्टर की बड़ी कंपनी आईटीसी और पेप्सिको, भुजिया-नमकीन बनाने वाली कंपनी बालाजी वेफर्स में हिस्सेदारी खरीदना चाहती हैं. इसी के साथ-साथ TPG और टेमासेक जैसी बड़ी निजी इक्विटी फर्म भी बालाजी वेफर्स में 10% हिस्सेदारी के लिए तैयारी कर रही हैं, जिसकी एक्सपेक्टेड वैल्यूएशन लगभग 40,000 करोड़ रुपये आंकी जा रही है.
