एशिया कप 2025 का सबसे बड़ा मैच रविवार देर शाम को यूएई में होगा. इस मैच में भारत और पाकिस्तान की टीमें आपस में भिड़ेंगी. पहलगाम घटना के बाद पहला ऐसा मौका होगा, जब दोनों देशों की टीमें क्रिकेट मैदान में आमाने सामने होंगी. ऐसे में ये मुकाबला काफी हाई वोल्टेज होने वाला है. वैसे बीते कई सालों से भारत की टीम हर बार पाकिस्तान के सामने काफी बेहतर प्रदर्शन करती हुई दिखाई दी है. इस बार भी पेज पर भारत की टीम पाकिस्तानी टीम के मुकाबले में काफी बेहतर दिखाई दे रही है. दुनियाभर के क्रिकेट एक्सपर्ट भारत का पलड़ा काफी भारी बता रहे हैं. वैसे भारत पाकिस्तान को सिर्फ क्रिकेट मैच में ही पानी नहीं पिला रहा, बल्कि एक और मोर्चे पर काफी बड़े अंतर से ध्वस्त करता हुआ दिखाई दे रहा है.
जिस देश में ये हाई वोल्टेज मैच होगा है, उस देश के साथ भारत के कारोबारी रिश्ते पाकिस्तान के मुकाबले में काफी मजबूत हैं. अगर यूएई के साथ भारत और पाकिस्तान के बाइलेटरल ट्रेड की बात करें तो भारत का पलड़ा पाकिस्तान के मुकाबले में काफी भारी है. खास बात तो ये है कि भारत का यूएई के साथ बाइलेटरल ट्रेड पाकिस्तान के मुकाबले में 10 गुना ज्यादा है. जोकि काफी बड़ा अंतर है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर भारत और यूएई और यूएई पाकिस्तान के बीच कितने अरब डॉलर का कारोबार होता है.
भारत और यूएई का बाइलेटरल ट्रेड
- 18 फरवरी, 2022 को भारत-यूएई व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) पर हस्ताक्षर हुए थे और 1 मई, 2022 को ये एग्रीमेंट लागू हुआ था.
- उसके बाद से भारत-यूएई बाइलेटरल ट्रेड वित्त वर्ष 2022 में 72.87 बिलियन डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 100.06 बिलियन डॉलर हो गया है.
- यूएई को भारत का व्यापारिक निर्यात 2021-22 में 28.04 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2024-25 में 36.63 बिलियन डॉलर हो गया है. जिसमें 7 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली है.
- मौजूदा समय में यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर और दूसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्ट डेस्टिनेशन है, जिसका निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 में 36.63 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया है.
- वहीं, भारत भी यूएई का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है, जिसका एक्सपोर्ट वित्त वर्ष 2024-25 में 63.4 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया है.
- दोनों देशों के बीच कई सामानों का एक्सपोर्ट और इंपोर्ट होता है, जिसमें पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स, रत्न एवं आभूषण, खाद्य पदार्थ, वस्त्र, कैमिकल और इंजीनियरिंग सामान जैसे प्रमुख सामान शामिल हैं.
- भारत और यूएई दोनों देशों ने फरवरी 2024 में द्विपक्षीय निवेश संधि पर हस्ताक्षर किए थे, जो 31 अगस्त 2024 से प्रभावी हो चुका है.
- अप्रैल 2000 से मार्च 2025 तक, संयुक्त अरब अमीरात से भारत में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 22.84 बिलियन डॉलर (DPIIT) रहा, जिससे संयुक्त अरब अमीरात भारत में सातवां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक बन गया.
- संयुक्त अरब अमीरात ने भारत के रियल एस्टेट, इंफ्रा, ऊर्जा, निजी इक्विटी और वित्तीय सेवाओं जैसे सेक्टर्स में काफी मोटा पैसा निवेश किया है.
- संयुक्त अरब अमीरात के सॉवरेन वेल्थ फंड्स की भारत में मजबूत उपस्थिति है. यूएई के सबसे बड़े SWF, अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) ने हाल ही में गुजरात के GIFT सिटी में एक सब्सडियरी ऑफिस भी खोला है.
पाकिस्तान और यूएई के बीच कितना बड़ा कारोबार
- वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान और यूएई के बीच वित्त वर्ष 2025 में ट्रेड में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है. वित्त वर्ष 2024-25 में दोनों देशों के बीच बाइलेटरल ट्रेड 20.24 फीसदी बढ़कर 10.1 अरब डॉलर हो गया है.
- रेडियो पाकिस्तान की रिपोर्ट के अनुसार दोनों देशों के बीच ट्रेड में इजाफे का श्रेय विशेष निवेश सुविधा परिषद (एसआईएफसी) के प्रयासों को दिया गया है.
- एसआईएफसी एक सिविल-मिलिट्री बॉडी है जिसकी स्थापना 2023 में पाकिस्तान के प्रमुख क्षेत्रों में खाड़ी और अन्य विदेशी निवेशों को तेज़ी से बढ़ाने के लिए की गई थी.
- इस्लामाबाद का लक्ष्य इन संबंधों का लाभ उठाकर अपने इंपोर्ट बिल को कम करना, पूंजी आकर्षित करना और रोजगार सृजन करना है.
- एफडीआई पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करना ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान आईएमएफ समर्थित सुधार कार्यक्रम के तहत निर्यात में विविधता लाने और अपनी इकोनॉमी को स्थिर करने के प्रयास कर रहा है.
- रेडियो पाकिस्तान की रिपोर्ट में गृह मंत्रालय के हवाले से कहा गया है कि विशेष निवेश सुविधा परिषद (एसआईएफसी) की प्रभावी पॉलिसीज के कारण पाकिस्तान-यूएई सहयोग में उल्लेखनीय प्रगति हुई है.
- रेडियो पाकिस्तान के अनुसार, यह वृद्धि पाकिस्तान-यूएई संयुक्त मंत्रिस्तरीय आयोग के 12वें सत्र के बाद हुई है, जहां दोनों देशों के अधिकारियों ने व्यापार, निवेश, खाद्य सुरक्षा, विमानन, आईटी और ऊर्जा के क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की.
- वित्त वर्ष 2023-24 में दोनों देशों के बीच बाइलेटरल ट्रेड लगभग 10.9 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था, जिसमें 8.41 बिलियन डॉलर का माल और 2.56 बिलियन डॉलर की सर्विसेज शामिल थी.
- वहीं दूसरी ओर वित्त वर्ष 2025 में पाकिस्तान से यूएई को निर्यात लगभग 2.1 बिलियन डॉलर देखने को मिला है. जबकि इंपोर्ट आयात 8 बिलियन डॉलर था.
- खास बात तो ये है कि पाकिस्तान के लिए यूएई रेमिटेंस का भी मेन सोर्स है. 2024 में, पाकिस्तानी प्रवासियों द्वारा स्वदेश भेजा गया धन 6.7 बिलियन डॉलर था, जिसके 2025 में 7 बिलियन डॉलर से अधिक होने का अनुमान है.
भारत का पलड़ा यहां पर भी भारी
भारत का यूएई के साथ ट्रेड 100 अरब डॉलर का है. वहीं पाकिस्तान का ट्रेड 10 बिलियन डॉलर देखचने को मिला है. इसका मतलब है कि भारत का यूएई के साथ ट्रेड पाकिस्तान के मुकाबले में 10 गुना ज्यादा है. जोकि काफी बड़ा अंतर है. इस अंतर को पाटने के लिए पाकिस्तान को काफी लंबा सफर तय करना होगा. वहीं दूसरी ओर यूएई भी भारत के साथ अपने कारोबारी रिश्तों को पाकिस्तान या दूसरे एशियाई देशों के मुकाबले ज्यादा तरजीह दे रहा है. उसका कारण भी है. भारत की भी कई कंपनियां यूएई के कई शहरों में पांव जमा रही हैं. जिससे यूएई को भी नॉन फ्यूल बिजनेस को बढ़ाने में काफी मदद मिल रही है. जानकारों की मानें तो भारत और यूएई के ट्रेड रिलेशन और वॉल्यूम दोनों में आने वाले सालों में काफी ज्यादा बढ़ोतरी हो सकती है.
